Wednesday, November 26, 2008

सच्ची कहानी

निराली सी इक बात सच्ची कहानी

कहती थी जो मुझको बचपन में नानी

समझती थी जब मैं उसको कहानी

लेकिन न समझी थी तब उसका मानी

वह सच्ची कहानी नहीं थी कहानी

हमारी तुम्हारी ही थी जिंदगानी

स्तुति नारायण

सब एडिटर (सीनियर इंडिया )

Friday, November 21, 2008

सबेरा

सम्भल जाओ कि सफ़र लम्बा है

एक छोटा पत्थर दे सकता है जख्म गहरा ,

पावों तले आ कर गिरा सकता है तुम्हे मुंह के बल ,

उठकर खडा भर हो जाना काफी नहीं होगा ,

क्योंकि तुम्हे तो अभी जाना है चीरकर कुहासा

वहां तक ,

जहाँ से खींच लानी है वह रौशनी ,

जो दूर कर सके

दीपक तले का अँधेरा ,

तब जा कर होगा तुम्हारा सबेरा

स्तुति रानी

सब एडिटर (सीनियर इंडिया )

Wednesday, November 5, 2008

प्रणय-बंध

प्राची के अरुणाभ क्षितिज से बालारुण का आना ,
स्वर्ण कलश ले उषा सुंदरी
का जग को नहलाना ,
प्रथम रश्मि का नेह नलिन को
हौले से छू जाना ,
प्रणय -बंध में मुक्त किरण का
औचक ही बंध जाना ,
जग के सिरजनहार आदि कवि
का लेखनी उठाना ,
रासेशवर का ब्रज गोपिन संग
ब्रज में रास रचाना,
विरह अग्नि की ज्वाला में
ब्रजवासी को झुलसाना,
ऐसा उसका दृश्य प्रकृति में
अपने को दर्शाना ,
शुष्क तपोवन में अमृत की
धारा बन बह जाना

स्तुति रानी
सब एडिटर , सीनियरइंडिया (मैगजिन)