पंख लगे अरमानो में ,
धरती छोड़ने की तमन्ना रंग लाई,
रोक नही सकते मुझे दीवार, chhat, पेड़, पहाड़
और नजरों की चुभन ,
बाल भी बांका नही कर सकता
इंसानी मन ,
क्योंकि इन्सान ही वह हैवान है
जिसने तोडे हैं कई -कई अरमानो के पंख,
बनाने को और भी चटकीले
अपने सपनो के रंग
अब और नही कर सकता ये
मेरे अरमानो के साथ छेड़खानी ,
क्योंकि मेरे सपनो में भर देने के लिए
इन्द्रधनुष के सातों रंग ,
मेरा ईश्वर मेरे साथ है ,
ऐसा है मेरा अपना विश्वास
स्तुति नारायण
सब एडिटर ,सीनियर इंडिया
1 comment:
get full fath on god.bt i dont mean to say not to labour....carry ur labour n have a faith on ISHWOR u will achieve ur goal.
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