Monday, January 19, 2009

ईश्वर साथ है...

क्षितिज था दूर ,
पंख लगे अरमानो में ,
धरती छोड़ने की तमन्ना रंग लाई,
रोक नही सकते मुझे दीवार, chhat, पेड़, पहाड़
और नजरों की चुभन ,
बाल भी बांका नही कर सकता
इंसानी मन ,
क्योंकि इन्सान ही वह हैवान है
जिसने तोडे हैं कई -कई अरमानो के पंख,
बनाने को और भी चटकीले
अपने सपनो के रंग
अब और नही कर सकता ये
मेरे अरमानो के साथ छेड़खानी ,
क्योंकि मेरे सपनो में भर देने के लिए
इन्द्रधनुष के सातों रंग ,
मेरा ईश्वर मेरे साथ है ,
ऐसा है मेरा अपना विश्वास

स्तुति नारायण

सब एडिटर ,सीनियर इंडिया

1 comment:

SHARE said...

get full fath on god.bt i dont mean to say not to labour....carry ur labour n have a faith on ISHWOR u will achieve ur goal.